Introduction: Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025
14 अप्रैल, यह वह तारीख है जब भारत के संविधान निर्माता और समाज सुधारक Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 देशभर में उत्साह और सम्मान के साथ मनाई जाती है। इस साल भी महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु महू (मध्य प्रदेश) पहुंचे, जहां बाबा साहेब का जन्म हुआ था। इस अवसर पर राजनीतिक नेताओं से लेकर आम जनता तक सभी ने उनके विचारों को याद किया और सामाजिक एकता का संदेश दिया। चलिए, जानते हैं कि कैसे महू ने इस ऐतिहासिक दिन को सेलिब्रेट किया!
महू में Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 समारोह की झलकियाँ:
- आतिशबाजी और रोशनी से सजा स्मारक:
- रात 12 बजते ही आंबेडकर स्मारक पर माल्यार्पण किया गया।
- आकाश को चमकाती आतिशबाजी और रंगीन लाइट्स ने माहौल को भव्य बना दिया।
- करीब 30 मिनट तक आतिशबाजी का दृश्य लोगों के दिलों में समा गया।
- विभिन्न राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु:
- महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी और दिल्ली से हज़ारों लोगों ने ट्रेन, बस और निजी वाहनों से महू का रुख किया।
- इंदौर रेलवे स्टेशन से महू तक विशेष बसें चलाई गईं, ताकि लोग आसानी से पहुंच सकें।
- सुविधाओं का खास इंतजाम:
- श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त भोजन, पेयजल, पंखे और कूलर की व्यवस्था की गई।
- धूप से बचाव के लिए बड़े-बड़े टेंट लगाए गए।
- राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति:
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिल्ली से इंदौर पहुंचकर महू में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
- पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी समारोह में शामिल हुए और लोगों को संबोधित किया।
Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 क्यों खास है?
बाबा साहेब आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ भारत का संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि समाज में छुआछूत, जातिवाद और असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनके विचार आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करते हैं। महू में हर साल होने वाला यह आयोजन उनके प्रति सम्मान और सामाजिक न्याय के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।
Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
1. महू में Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 क्यों मनाई जाती है?
- बाबा साहेब का जन्म महू में हुआ था, इसलिए यह स्थान उनके अनुयायियों के लिए तीर्थ के समान है। यहां उनकी याद में विशाल समारोह आयोजित किए जाते हैं।
2. इस साल कितने लोगों ने हिस्सा लिया?
- अनुमानित रूप से 2-3 लाख लोग महू पहुंचे। इनमें दलित समुदाय के साथ-साथ विभिन्न जाति और धर्म के लोग शामिल थे।
3. सरकार ने क्या सुविधाएं प्रदान कीं?
- मुफ्त भोजन, पानी, ठंडे पेय, टेंट और परिवहन की व्यवस्था की गई। साथ ही, सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया।
4. राजनीतिक नेताओं का क्या रोल रहा?
- नेता इस आयोजन को सामाजिक एकता और वंचित वर्गों के उत्थान का मंच बनाते हैं। सीएम मोहन यादव ने संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराया।
5. आम लोग कैसे पहुंच सकते हैं?
- इंदौर से महू की दूरी मात्र 25 किमी है। रेलवे स्टेशन से बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
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लोगों की आवाज़:
- “बाबा साहेब ने हमें गरिमा से जीना सिखाया। यहां आकर मुझे गर्व महसूस होता है,” – राजू, गुजरात।
- “हर साल आती हूं। इस बार सुविधाएं पहले से बेहतर थीं,” – मीना, उत्तर प्रदेश।
Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 समारोह का समापन:
दोपहर तक सभा में नेताओं के भाषण हुए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को रंगीन बनाए रखा। शाम को शांति मार्च निकाला गया, जिसमें लोगों ने “जय भीम” के नारे लगाए।
Baba Saheb Ambedkar Jayanti 2025 निष्कर्ष:
बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि समानता और शिक्षा के प्रति उनके संदेश को आगे बढ़ाने का अवसर है। महू का यह आयोजन दिखाता है कि उनकी विरासत आज भी करोड़ों भारतीयों को प्रेरित करती है। अगले साल भी यहां आएं और इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनें!