नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जंग-Chhattisgarh Encounter
20 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ दो अलग-अलग Chhattisgarh Encounter ऑपरेशन्स में बड़ी सफलता हासिल की। DRG (District Reserve Guard) और BSF के संयुक्त दल ने 30 माओवादियों को मार गिराया, जबकि एक जवान शहीद हो गया। यह ऑपरेशन नक्सल मुक्त भारत अभियान के तहत चलाई जा रही कार्रवाइयों का हिस्सा है, जिसमें केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल-मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
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2. बीजापुर Chhattisgarh Encounter: 26 नक्सली ढेर, 1 जवान शहीद
- ऑपरेशन की पृष्ठभूमि: बीजापुर के गंगालुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम ने नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर घने जंगलों में छापामार कार्रवाई शुरू की।
- मुठभेड़ का विवरण: 4 घंटे तक चली गोलीबारी में 26 नक्सली मारे गए, जिनमें कई स्थानीय कमांडर शामिल थे। DRG के जवान शहीद रामेश्वर सिंह ने वीरगति प्राप्त की।
- बरामदगी: AK-47, ग्रेनेड, गोला-बारूद और नक्सल साहित्य बरामद।
3. कांकेर Chhattisgarh Encounter: 4 माओवादी ढेर
- घटनास्थल: कांकेर के दुर्गम इलाके में BSF और स्थानीय पुलिस की टीम ने नक्सलियों को घेरा।
- नक्सलियों की पहचान: मारे गए नक्सलियों में दक्षिण बस्तर के एक प्रमुख दस्ते के सदस्य शामिल।
- सर्च ऑपरेशन जारी: अभी भी जंगलों में छिपे नक्सलियों की तलाश के लिए ऑपरेशन चल रहा है।
4. गृह मंत्री अमित शाह का बयान: ‘नक्सल मुक्त भारत’ का संकल्प
- एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट: “आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हासिल की। 30 नक्सली ढेर, यह मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है।”
- भविष्य की रणनीति: गृह मंत्री ने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी।
5. पिछले ऑपरेशन्स का रिकॉर्ड: 2025 में 81+ नक्सली ढेर
- फरवरी 2025 में बीजापुर: 31 नक्सली मारे गए, 2 सुरक्षाकर्मी शहीद।
- अब तक का आंकड़ा: 2025 में 81 से अधिक नक्सली ढेर, 18 गिरफ्तार, 200+ हथियार जब्त।
- सरेंडर पॉलिसी: सरकार ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए पुनर्वास योजनाओं का विस्तार किया है।
6. Chhattisgarh Encounter सुरक्षाबलों की चुनौतियाँ: जंगल, हथियार और जनसमर्थन
- भौगोलिक मुश्किलें: छत्तीसगढ़ के घने जंगल और खनिज संपदा वाले इलाके नक्सलियों की शरणस्थली रहे हैं।
- लोकल सपोर्ट: कुछ गाँवों में नक्सलियों को भोजन और आश्रय मिलता है, जिसे तोड़ने के लिए सरकार विकास योजनाएँ चला रही है।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: ड्रोन्स और सैटेलाइट इमेजरी से नक्सल कैंप्स का पता लगाया जा रहा है।
7. शहीद जवान को श्रद्धांजलि: रामेश्वर सिंह की वीरगाथा-Chhattisgarh Encounter
- परिचय: DRG जवान रामेश्वर सिंह छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले थे। 8 साल की सेवा में 12 ऑपरेशन्स में हिस्सा लिया।
- परिवार: पत्नी और 5 साल की बेटी छोड़ी। CM विष्णु देव साय ने 50 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की।
- सैल्यूट: #SaluteToBravehearts ट्रेंड कर रहा है, ट्विटर पर हज़ारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
8. सामान्य प्रश्न (FAQs):
Q1. नक्सलियों के पास इतने हथियार कहाँ से आते हैं?
- जंगलों में छिपे अवैध हथियार डिपो और पड़ोसी देशों से सप्लाई चेन का इस्तेमाल।
Q2. आम लोगों को सुरक्षा कैसे मिलती है?
- सरकार ने सुरक्षित गाँव योजना के तहत 100+ कैंप्स बनाए हैं, जहाँ पुलिस-सेना की नियुक्ति की गई है।
Q3. नक्सल मुक्त भारत अभियान क्या है?
- केंद्र सरकार का मिशन जो 2026 तक नक्सल प्रभावित 90 जिलों को मुक्त करने का लक्ष्य रखता है।
9. इंटरएक्टिव सेक्शन: पाठकों से जुड़ें!
- पोल: “क्या नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार की नीतियाँ सही हैं?”
- हाँ, कार्रवाई जरूरी है ✅
- नहीं, वार्ता होनी चाहिए ❌
- क्विज़: “2025 में छत्तीसगढ़ में कितने नक्सली ढेर किए गए? कमेंट में बताएँ और विजेता को मिलेगा ‘गौरवशाली भारत’ किताब! 📖”
10. निष्कर्ष: नक्सलवाद के खिलाफ जंग में नया मोड़
Chhattisgarh Encounter बीजापुर और कांकेर की यह सफलता नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लंबी लड़ाई में एक मील का पत्थर है। सुरक्षाबलों की बहादुरी और सरकार की कठोर नीतियाँ देश को नक्सल-मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हालाँकि, इस लड़ाई में आम नागरिकों का सहयोग और विकास योजनाओं का सही क्रियान्वयन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़!