Kargil Vijay Diwas 2025: 26 जुलाई 2025 को भारत ने करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मनाई। यह दिन भारतीय सेना की वीरता, साहस और अदम्य जज्बे को श्रद्धांजलि देने का दिन है। 1999 में पाकिस्तान द्वारा कब्ज़ा की गई ऊंची पहाड़ियों को मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया गया था। इस संघर्ष में हमारे लगभग 500 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन भारत की संप्रभुता की रक्षा की।
🔥 करगिल युद्ध 1999: पृष्ठभूमि
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यह संघर्ष मई 1999 से जुलाई 1999 तक चला था।
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पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से जम्मू-कश्मीर की LOC के पास की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया।
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यह भारतीय क्षेत्र की संप्रभुता के लिए बड़ा खतरा था।
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इसके जवाब में ऑपरेशन विजय लॉन्च किया गया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना और घुसपैठियों को पीछे खदेड़ दिया।
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अंततः 26 जुलाई 1999 को भारत ने पूरा इलाका मुक्त कराया, और इसे करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
🏔️ प्रमुख युद्धक्षेत्र और रणनीतिक जीतें(Kargil Vijay Diwas 2025)
1. तोलोलिंग चोटी (Tololing Peak – 15,000 फीट)
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यह चोटी श्रीनगर-लेह हाईवे (NH-1) को देखती थी, जो सैनिकों की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण थी।
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तोलोलिंग की लड़ाई भारत की पहली बड़ी जीत थी।
2. टाइगर हिल (Tiger Hill – 16,700 फीट)
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सबसे कठिन और प्रतिष्ठित लड़ाई।
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सैनिकों ने रात के समय कई हजार फीट ऊंचाई तक चढ़ाई कर दुश्मन को हराया।
3. प्वाइंट 5140 और 4875 (बत्रा टॉप)
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कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी का प्रतीक।
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दुश्मन की रणनीतिक ताकत को खत्म किया गया।
4. बटालिक और मुश्कोह सेक्टर
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लगातार संघर्ष वाला इलाका।
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इन इलाकों को मुक्त करना पूरी विजय के लिए बेहद जरूरी था।
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🛡️ करगिल युद्ध के नायक और सम्मान(Kargil Vijay Diwas 2025)
भारत ने करगिल युद्ध के दौरान असाधारण शौर्य दिखाने वाले वीरों को विभिन्न सम्मान प्रदान किए:
🏅 परम वीर चक्र विजेता (4)
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कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत)
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नारा: “यह दिल मांगे मोर”
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बत्रा टॉप पर जान की परवाह किए बिना जवानों को बचाते हुए शहीद हो गए।
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ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव
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बुरी तरह घायल होने के बावजूद टाइगर हिल पर चढ़ाई कर दुश्मन के बंकर तबाह किए।
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राइफलमैन संजय कुमार
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अकेले ही दुश्मनों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
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लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे (मरणोपरांत)
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दुश्मन के मोर्चे पर बहादुरी से हमला कर सर्वोच्च बलिदान दिया।
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अन्य वीर योद्धा: Kargil Vijay Diwas 2025
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कर्नल सोनम वांगचुक,
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नायक दिगेन्द्र कुमार,
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मेजर राजेश सिंह अधिकारी,
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लेफ्टिनेंट बलवान सिंह – इन्होंने तोलोलिंग, टाइगर हिल और बटालिक क्षेत्रों में अदम्य साहस दिखाया।
🎖️ 2025 में करगिल विजय दिवस के प्रमुख आयोजन
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राष्ट्रीय श्रद्धांजलि समारोह – दिल्ली और द्रास में आयोजित
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों को संबोधित किया।
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नेपाल और भारत में वीरों के परिवारों तक पहुंचने का ऐतिहासिक कार्यक्रम
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स्कूलों, कॉलेजों और सैन्य अकादमियों में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए गए।
🧠 Kargil Vijay Diwas 2025: 10 महत्वपूर्ण FAQs
❓Q1: करगिल विजय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
26 जुलाई को, 1999 में ऑपरेशन विजय की सफलता की याद में यह दिन मनाया जाता है। यह दिन भारत की सैन्य जीत और बलिदान की याद दिलाता है।
❓Q2: करगिल युद्ध कब हुआ था?
उत्तर:
यह युद्ध मई 1999 से जुलाई 1999 तक चला था, और 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था।
❓Q3: ऑपरेशन विजय क्या था?
उत्तर:
यह एक सैन्य अभियान था, जिसमें भारतीय सेना ने LOC के पास से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया।
❓Q4: करगिल युद्ध में भारत को कितनी हानि हुई?
उत्तर:
भारत के लगभग 500 जवान शहीद हुए और कई घायल हुए, लेकिन देश की संप्रभुता को सुरक्षित रखा गया।
❓Q5: करगिल युद्ध में किस-किस क्षेत्र में युद्ध हुआ?
उत्तर:
ड्रास, तोलोलिंग, टाइगर हिल, बटालिक, मुश्कोह, काकसर और चोरबट ला जैसे क्षेत्रों में लड़ाई हुई।
❓Q6: कौन-कौन करगिल युद्ध में परम वीर चक्र से सम्मानित हुए?
उत्तर:
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कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत)
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लेफ्टिनेंट मनोज पांडे (मरणोपरांत)
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ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव
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राइफलमैन संजय कुमार
❓Q7: 2025 में करगिल विजय दिवस के कौन-कौन से आयोजन हुए?
उत्तर:
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दिल्ली और द्रास में राष्ट्रीय श्रद्धांजलि
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सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री का संबोधन
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शहीदों के परिवारों के लिए विशेष अभियान
❓Q8: करगिल युद्ध के दौरान सबसे प्रसिद्ध नारा कौन-सा था?
उत्तर:
कैप्टन विक्रम बत्रा का नारा: “यह दिल मांगे मोर”
❓Q9: करगिल युद्ध के बाद भारत की रक्षा नीति में क्या बदलाव आया?
उत्तर:
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सीमा की निगरानी बढ़ाई गई
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रक्षा तकनीक में सुधार हुआ
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खुफिया एजेंसियों की मजबूती पर ज़ोर दिया गया
❓Q10: हम करगिल विजय दिवस पर अपने बच्चों को क्या सिखा सकते हैं?
उत्तर:
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देशभक्ति, बलिदान और एकता का महत्व
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शांति की कीमत
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सैनिकों के योगदान का सम्मान
📢 The Logical Indian का दृष्टिकोण(Kargil Vijay Diwas 2025)
करगिल युद्ध उस समय हुआ जब भारत और पाकिस्तान लाहौर घोषणा-पत्र के जरिए शांति के रास्ते पर बढ़ रहे थे। लेकिन पाकिस्तान ने छल करके घुसपैठ की।
इस युद्ध ने भारत को यह सबक दिया कि शांति के लिए तैयार रहना जरूरी है, लेकिन आत्मरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना और सक्षम भी। Kargil Vijay Diwas 2025
Kargil Vijay Diwas 2025 केवल सैन्य जीत नहीं है – यह भारत की आत्मा की जीत है, वह आत्मा जो सैनिकों के रूप में सीमाओं पर तैनात रहती है और आम नागरिकों के रूप में देश का सम्मान बढ़ाती है।
💐 निष्कर्ष (Conclusion)
Kargil Vijay Diwas 2025 केवल एक तारीख नहीं, बल्कि साहस, पराक्रम और बलिदान की गाथा है। यह दिन हमें उन जवानों की याद दिलाता है जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान किया।
आइए, इस दिन वीरों को नमन करें, उनके परिवारों का सम्मान करें, और हर दिन को इस भावना के साथ जिएं कि –Kargil Vijay Diwas 2025
“यदि भारत माता के चरणों में कुछ अर्पण करना है, तो यह जीवन भी कम है।”