परिचय
महाराष्ट्र के Nagpur शहर में औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़े विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के समर्थकों ने शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास प्रदर्शन करते हुए औरंगजेब के प्रतीकात्मक कब्र को आग लगा दी, जिसके बाद इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया। हिंसा में पथराव, वाहनों में आगजनी और पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। हालात को काबू में लाने के लिए Nagpur पुलिस ने 11 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। आइए जानते हैं पूरी घटना की क्रमवार जानकारी, राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और अब तक क्या है अपडेट।
1. क्या हुआ Nagpur के महल इलाके में?
- प्रदर्शन का कारण: विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र (चhatrapati संभाजीनगर, महाराष्ट्र) को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
- हिंसा की शुरुआत: प्रदर्शन के दौरान हरे कपड़े (घास से भरा) में लिपटे प्रतीकात्मक कब्र और औरंगजेब की तस्वीर जलाई गई। अफवाह फैली कि कपड़े पर पवित्र आयतें लिखी थीं, जिससे तनाव बढ़ा।
- झड़पें: कुछ लोगों के समूह ने पत्थरबाजी शुरू की, पुलिस वाहनों और नागरिकों की गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
- हताहत: 4 नागरिक और एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल, 50 लोग गिरफ्तार।
2. कर्फ्यू के दायरे और पुलिस की कार्रवाई
- कर्फ्यू वाले इलाके: कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपौली, शांतिनगर, सक्करदारा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोदारानगर, कपिलनगर।
- नोटिस: पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत कर्फ्यू लगाया, जो तब तक रहेगा जब तक हालात सामान्य नहीं होते।
- सुरक्षा व्यवस्था: भारी पुलिस बल तैनात, ड्रोन से निगरानी, सोशल मीडिया पर अफवाहों पर नजर।
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पुलिस का संदेश: “अफवाहों पर ध्यान न दें, कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।”
3. राजनेताओं की प्रतिक्रिया: शांति की अपील vs विपक्षी हमला
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी-Nagpur
- “हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री को सूचित किया जा चुका है। नागपुरवासी शांति बनाए रखें।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
- “Nagpur शांतिप्रिय शहर है। कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस पर हमला गंभीर अपराध है।”
विपक्ष का निशाना
- आदित्य ठाकरे (शिवसेना UBT): “मुख्यमंत्री के गृहजिले में कानून व्यवस्था चरमराई, यह शर्मनाक है।”
- सुप्रिया सुले (NCP): “महाराष्ट्र प्रगतिशील विचारों का प्रतीक है, सद्भाव बनाए रखें।”
- पवन खेड़ा (कांग्रेस): “300 साल से शांत रहे नागपुर में दंगे, सत्तारूढ़ विचारधारा की असली मंशा उजागर।”
4. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद
- औरंगजेब की दफन स्थली: Chatrapati संभाजीनगर (पूर्व औरंगाबाद) में स्थित, जहां 1707 में उन्हें दफनाया गया।
- मांग का आधार: कुछ हिंदू संगठनों का दावा है कि औरंगजेब ने शिवाजी के साथ विश्वासघात किया, इसलिए उनकी कब्र महाराष्ट्र में नहीं होनी चाहिए।
- विरोध का इतिहास: पिछले कुछ वर्षों में समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर तनाव देखने को मिला है।
FAQs: Nagpur हिंसा और कर्फ्यू से जुड़े सवाल-जवाब
- कर्फ्यू क्यों लगाया गया?
- हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव को रोकने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया।
- हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
- औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने के बाद अफवाहों ने आग में घी का काम किया।
- कितने लोग घायल हुए?
- 4 नागरिक और 12+ पुलिसकर्मी, जबकि 50 लोग गिरफ्तार।
- विपक्ष ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
- कांग्रेस और शिवसेना ने कानून व्यवस्था विफल बताते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
- हालात की जानकारी कैसे लें?
- स्थानीय अखबार, पुलिस हेल्पलाइन (112) और अधिकारिक सोशल मीडिया अपडेट्स फॉलो करें।
- नागपुर में पहले कभी दंगे हुए हैं?
- कांग्रेस के मुताबिक, शहर ने पिछले 300 साल में ऐसी हिंसा नहीं देखी।
निष्कर्ष
Nagpur की यह घटना इतिहास और वर्तमान के बीच की खाई को उजागर करती है। जहां एक तरफ संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतने की जरूरत है, वहीं अफवाहों पर काबू पाना भी जरूरी है। राज्य सरकार और पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में दावा किया है, लेकिन विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। आम नागरिकों से अपील है कि शांति बनाए रखें और प्रशासन को भरोसा दें।
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