परिचय: Piyush Goyal on Indian Startups
3 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ के मंच से Piyush Goyal on Indian Startups ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने देश के अमीर घरानों के बच्चों पर निशाना साधते हुए कहा, “आइसक्रीम और कुकीज का बिजनेस चलाकर खुद को स्टार्टअप नहीं कहा जा सकता। हमें सेमीकंडक्टर और AI जैसे टेक्नोलॉजी पर फोकस करना होगा!”
इसके जवाब में क्विक कॉमर्स कंपनी ज़ेप्टो के CEO आदित पालिचा ने स्टार्टअप्स का बचाव करते हुए कहा, “भारत का कंज्यूमर इंटरनेट सेक्टर ही इनोवेशन की नींव है!”
आइए जानते हैं, क्या है यह पूरा विवाद और किसने क्या कहा?
Piyush Goyal on Indian Startups का बयान: 5 बड़े बिंदु
- “आइसक्रीम बेचना स्टार्टअप नहीं!”:
गोयल ने कहा, “3-4 अरबपतियों के बच्चे ‘हेल्दी आइसक्रीम’, ‘ग्लूटन-फ्री कुकीज’ जैसे फैंसी नामों से बिजनेस चला रहे हैं। यह एंटरप्रेन्योरशिप तो है, लेकिन स्टार्टअप नहीं। स्टार्टअप का मतलब टेक्नोलॉजी से देश को आगे बढ़ाना है।” - “सेमीकंडक्टर और AI होना चाहिए प्राथमिकता”:
उन्होंने भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग और स्वदेशी AI मॉडल्स को देश का भविष्य बताया। “हमें चिप्स और AI में आत्मनिर्भर बनने के लिए भारी निवेश करना होगा,” गोयल ने कहा। - “क्या आइसक्रीम से बनेगा भारत का भविष्य?”:
गोयल ने युवाओं से सवाल किया, “क्या हम टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ेंगे या आइसक्रीम बेचकर संतुष्ट रहेंगे?”
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- चीन और अमेरिका से तुलना:
मंत्री ने कहा कि चीन डीप-टेक इनोवेशन पर फोकस कर रहा है, जबकि भारत के कई स्टार्टअप्स “लो-पेयिंग गिग जॉब्स” देकर समय बर्बाद कर रहे हैं। - “स्टार्टअप को सही परिभाषा दें”:
Piyush Goyal on Indian Startups ने स्टार्टअप्स के लिए सरकारी स्कीम्स (जैसे स्टैंडअप इंडिया) का जिक्र करते हुए कहा कि इनका लाभ असली इनोवेटर्स को मिलना चाहिए।
ज़ेप्टो CEO आदित पालिचा का जवाब:
- “कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप्स भी जरूरी”:
आदित ने ट्विटर पर लिखा, “भारत में कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप्स को कम न समझें। इन्होंने सालाना ₹1,000+ करोड़ टैक्स दिया, FDI लाया, और सप्लाई चेन मॉडर्नाइज किया है।” - “यही है इंडियन इनोवेशन का मिरेकल”:
उन्होंने ज़ेप्टो के उदाहरण देते हुए कहा, “ताजे फल-सब्जियों की सप्लाई चेन ऑर्गनाइज करना भी टेक्नोलॉजी की मदद से ही संभव हुआ है।” - “टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर साथ चलें”:
आदित ने माना कि सेमीकंडक्टर जरूरी हैं, लेकिन कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप्स बिना इकोसिस्टम नहीं बन पाएगा।
FAQs: सवाल-जवाब में समझें पूरा मामला
Q1. Piyush Goyal on Indian Startups ने आइसक्रीम स्टार्टअप्स को लेकर क्यों आपत्ति जताई?
जवाब: Piyush Goyal on Indian Startups का मानना है कि “स्टार्टअप” शब्द का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी-आधारित बिजनेस के लिए होना चाहिए, न कि पारंपरिक उद्योगों के लिए। उन्हें डर है कि यह ट्रेंड भारत को टेक्नोलॉजी रेस में पीछे छोड़ देगा।
Q2. स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप में क्या अंतर है?
जवाब:
- स्टार्टअप: नई टेक्नोलॉजी या इनोवेशन पर आधारित, तेज ग्रोथ वाला बिजनेस। उदाहरण: AI ऐप्स, रोबोटिक्स।
- एंटरप्रेन्योरशिप: पारंपरिक बिजनेस को मॉडर्न तरीके से चलाना। उदाहरण: आइसक्रीम ब्रांड, कैफे चेन।
Q3. सेमीकंडक्टर और AI में भारत की स्थिति क्या है?
जवाब: भारत ने हाल में 3 सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंजूरी दी है। AI में भी ‘भाषिनी’ और ‘कृतिम’ जैसे स्वदेशी मॉडल्स डेवलप हो रहे हैं। लेकिन चीन और USA के मुकाबले अभी पीछे है।
Q4. क्या Piyush Goyal on Indian Startups का बयान सही है या ज़ेप्टो CEO का?
जवाब: दोनों के अपने पक्ष हैं। गोयल दीर्घकालिक टेक्नोलॉजी पर जोर दे रहे हैं, जबकि आदित मानते हैं कि कंज्यूमर सेक्टर भी इकोनॉमी को मजबूत कर रहा है।
एक्सपर्ट्स की राय: क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
- स्टार्टअप गुरु अनुपम मित्तल (नौकरी.कॉम): “टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर एक-दूसरे के प्रतियोगी नहीं, साथी हैं।”
- इकोनॉमिस्ट रघुराम राजन: “भारत को दोनों फ्रंट पर काम करना होगा। केवल एक पर फोकस करना खतरनाक है।”
निष्कर्ष: आपकी सोच क्या है?
क्या भारत को सिर्फ सेमीकंडक्टर और AI पर ध्यान देना चाहिए? या फिर आइसक्रीम जैसे बिजनेस भी इकोनॉमी का हिस्सा हैं? कमेंट में बताएं!
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