परिचय
भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में एक नया मील का पत्थर जुड़ गया है! Skoda Auto Volkswagen India (SAVWIPL) ने अपने पुणे स्थित छकन प्लांट में 5 लाखवें इंजन का उत्पादन करके ‘मेक इन इंडिया’ पहल को नई ऊर्जा दी है। यह उपलब्धि न सिर्फ कंपनी के स्थानीयकरण के फोकस को दर्शाती है, बल्कि भारत को वोक्सवैगन ग्रुप के लिए एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करती है। आइए जानते हैं इस मील के पत्थर की पूरी कहानी और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।
5 लाख इंजनों का सफर: छकन प्लांट की उपलब्धि-Skoda Auto Volkswagen India
- शुरुआत: 2014 से इंजन उत्पादन शुरू किया गया।
- मील का पत्थर: 5,00,000वां इंजन 1.0 TSI यूनिट था, जो कंपनी की फ्लैगशिप टेक्नोलॉजी है।
- गुणवत्ता: वैश्विक स्टैंडर्ड्स और सख्त उत्सर्जन मानकों (BS6) का पालन करते हुए स्थानीयकरण पर जोर।
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विशेषज्ञों की राय:
- आंद्रियास डिक (बोर्ड मेंबर, SAVWIPL): “भारत का कुशल कर्मचारी वर्ग और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम हमें ग्लोबल मार्केट की मांग पूरी करने में मदद करता है।”
- पियूष अरोड़ा (MD & CEO): “भारत में बने इंजनों में 95% तक स्थानीय पार्ट्स का इस्तेमाल होता है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम है।”
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा: एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी
- निर्यात: कंपनी का 25-30% उत्पादन लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और ASEAN देशों को निर्यात होता है।
- स्टार प्रोडक्ट्स: Volkswagen Virtus और T-Cross (भारत में Taigun) मैक्सिको जैसे बाजारों में धूम मचा रहे हैं।
- रणनीति: ‘इंडिया 2.0’ पहल के तहत भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया गया।
पर्यावरण संरक्षण की पहल: क्लीनर टेक्नोलॉजी-Skoda Auto Volkswagen India
- 1.0 TSI इंजन: एडवांस्ड एग्जॉस्ट एमिशन टेक्नोलॉजी के साथ कम प्रदूषण।
- 1.5 TSI इंजन: एक्टिव सिलेंडर टेक्नोलॉजी (ACT) से ईंधन की बचत और उत्सर्जन कम।
- लक्ष्य: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की ओर बढ़ते हुए 2030 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करना।
Skoda Auto Volkswagen India का भारत में योगदान
- ब्रांड्स: स्कोडा, वोक्सवैगन, ऑडी, पोर्श, और लैंबोर्गिनी की भारतीय ऑपरेशंस को मैनेज करती है।
- मैन्युफैक्चरिंग प्लांट:
- छकन, पुणे: इंजन और वाहन असेंबली।
- शेंद्रा, औरंगाबाद: प्रीमियम कारों का उत्पादन।
- रोजगार: 4,000+ भारतीयों को सीधे रोजगार, 15,000+ अप्रत्यक्ष रोजगार।
FAQs: Skoda Auto Volkswagen India के 5 लाख इंजनों से जुड़े सवाल
- 5 लाख इंजन का मतलब क्या है?
- यह भारत में ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता को दर्शाता है। स्कोडा वोक्सवैगन ने 10 साल में यह मुकाम हासिल किया।
- 1.0 TSI इंजन क्यों खास है?
- यह इंजन कम ईंधन खपत, कम उत्सर्जन और हाई परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है। स्कोडा कुशाक, Volkswagen Taigun जैसी कारों में लगता है।
- कंपनी का निर्यात कितना है?
- कुल उत्पादन का 25-30% निर्यात होता है। मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम प्रमुख बाजार हैं।
- ACT टेक्नोलॉजी क्या है?
- एक्टिव सिलेंडर टेक्नोलॉजी इंजन के सिलेंडर्स को ऑटो बंद/चालू करके ईंधन बचाती है। यह 1.5 TSI इंजन में उपलब्ध है।
- भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
- कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के लिए इंवेस्टमेंट बढ़ाएगी और छकन प्लांट को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के लिए अपग्रेड करेगी।
- भारत में कौन-सी कारें बनती हैं?
- स्कोडा कुशाक, स्लाविया; Volkswagen Virtus, Taigun; ऑडी A4, Q7 जैसी प्रीमियम कारें शेंद्रा प्लांट में बनती हैं।
निष्कर्ष
Skoda Auto Volkswagen India की यह उपलब्धि न सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ को ग्लोबल स्टेज पर बुलंदी देती है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग में किसी से पीछे नहीं। पर्यावरण-अनुकूल टेक्नोलॉजी और ग्लोबल एक्सपोर्ट के जरिए कंपनी ने भारत को ऑटोमोटिव सुपरपावर बनाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए हैं। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में भी इसी तरह के प्रयासों की उम्मीद है।