Abu Azmi के बयान पर विवाद: योगी आदित्यनाथ ने सपा को घेरा
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अबू आज़मी द्वारा मुगल शासक औरंगज़ेब की प्रशंसा करने वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी से मांग की है कि वह अबू आज़मी को अपनी पार्टी से निकालकर उत्तर प्रदेश भेजे, क्योंकि यूपी को ऐसे लोगों से निपटना अच्छे से आता है।
योगी आदित्यनाथ का बयान
योगी आदित्यनाथ ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर शर्मिंदा हो, लेकिन औरंगज़ेब को अपना नायक माने, क्या उसे भारत में रहने का अधिकार है?” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी अबू आज़मी से दूरी क्यों नहीं बना रही है?
Abu Azmi ने हाल ही में कहा था कि 17वीं शताब्दी के शासक औरंगज़ेब के शासन में भारत ने तरक्की की थी और उन्होंने मंदिर भी बनवाए थे। हालांकि, जब इस बयान पर विवाद बढ़ा, तो उन्होंने अपने शब्दों को वापस ले लिया।
बीजेपी और अन्य दलों का विरोध
बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों ने अबू आज़मी पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि औरंगज़ेब एक क्रूर शासक था, जिसने हिंदुओं पर अत्याचार किए और धार्मिक जबरदस्ती की। विरोधियों का कहना है कि आजमी जानबूझकर औरंगज़ेब की कट्टरता और बर्बरता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
यूपी विधानसभा में सीएम योगी का सख्त रुख
योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में इस मुद्दे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “एक ओर आप कुंभ मेले की आलोचना करते हैं, दूसरी ओर औरंगज़ेब का महिमामंडन करते हैं। यह वही शासक था जिसने मंदिरों को तोड़ा और भारत की आस्था को कुचलने का प्रयास किया। फिर समाजवादी पार्टी इस नेता के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों बच रही है?”
योगी आदित्यनाथ ने सपा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे वास्तव में Abu Azmi के बयान का समर्थन नहीं करते, तो उन्हें एक सार्वजनिक सभा में बुलाकर उनके बयान की सफाई दिलवाएं या फिर उन्हें यूपी भेज दें। उन्होंने आगे कहा कि औरंगज़ेब ने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर दिया था और पानी तक के लिए तरसा दिया था।
शाहजहां का दर्द और औरंगज़ेब की क्रूरता
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर सपा को औरंगज़ेब पर गर्व है, तो उन्हें पटना के पुस्तकालय में जाकर शाहजहां की आत्मकथा पढ़नी चाहिए। उसमें शाहजहां ने लिखा है कि “हिंदू बेटा औरंगज़ेब से बेहतर होता, क्योंकि वह अपने माता-पिता की सेवा करता है, उनका अंतिम संस्कार करता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए जल अर्पित करता है।”
उन्होंने कहा कि आज कोई भी सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगज़ेब नहीं रखता, क्योंकि सब जानते हैं कि किसी का नाम नहीं, बल्कि उसके कर्म मायने रखते हैं।
अबू आज़मी को विधानसभा से निलंबित किया गया
अबू आज़मी, जो मुंबई की मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं, उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से मौजूदा बजट सत्र के अंत तक निलंबित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में अबू आज़मी पर हमला बोलते हुए उन्हें ‘देशद्रोही’ करार दिया और कहा कि उन्हें सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। शिंदे ने कहा, “आज़मी जानबूझकर छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं। संभाजी महाराज की वीरता और औरंगज़ेब की क्रूरता सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस क्रूर मुगल शासक ने न केवल हिंदुओं को मारा बल्कि अन्य धर्मों के लोगों पर भी अत्याचार किए।”
अबू आज़मी ने हालांकि बाद में अपने बयान को वापस लेते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ उन्होंने कहा, वह इतिहासकारों और लेखकों द्वारा पहले ही लिखा जा चुका है।
सिनेमाई विवाद से जुड़ा मामला?
Abu Azmi के विवादित बयान उस समय सामने आए जब विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। यह फिल्म मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगज़ेब के जीवन पर आधारित है। संभाजी महाराज को मुगलों ने निर्मम यातनाएं दी थीं और अंततः उनकी हत्या कर दी गई थी।
निष्कर्ष
अबू आज़मी के बयान ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। भाजपा और अन्य हिंदू संगठन उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख अपनाने से बच रही है। योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यूपी ऐसे लोगों को संभालना जानता है और अगर सपा को उनके बयान से समस्या नहीं है, तो उन्हें यूपी भेज देना चाहिए।
अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है और क्या अबू आज़मी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की जाएगी या नहीं।