नमस्ते पाठकों! आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जो स्पोर्ट्स की चकाचौंध भरी दुनिया के पीछे छिपे अंधेरे को उजागर करती है। sanjay bangar, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और क्रिकेटर की ट्रांस-डॉटर Anaya Bangar ने हाल ही में ‘लल्लनटॉप’ को दिए इंटरव्यू में क्रिकेट जगत में ‘टॉक्सिक मैस्कुलिनिटी’ और यौन उत्पीड़न के चौंकाने वाले अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे एक वरिष्ठ क्रिकेटर ने उन्हें कार में साथ सोने का प्रस्ताव दिया, तो कुछ ने अश्लील तस्वीरें भेजकर परेशान किया। आनया की यह कहानी न सिर्फ उनके संघर्ष, बल्कि समाज और खेल जगत में ट्रांसजेंडर समुदाय के सामने मौजूद चुनौतियों को दिखाती है। आइए, विस्तार से जानते हैं।
Anaya Bangar के खुलासे: प्वाइंटवाइज जानकारी
- “मैं तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ”:
- एक वरिष्ठ क्रिकेटर ने आनया से कहा, “चलो तुम्हारी कार में चलते हैं, मैं तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ।”
- यह घटना पुणे के ‘यशवी क्रिकेट अकादमी’ में हुई, लेकिन आनया ने क्रिकेटर का नाम नहीं बताया।
- अश्लील फोटो और यौन प्रस्ताव:
- कुछ क्रिकेटर्स ने बिना माँगे अपनी न्यूड तस्वीरें भेजीं।
- एक व्यक्ति सार्वजनिक रूप से गालियाँ देता और फिर उनकी फोटो माँगता।
- क्रिकेट में ‘टॉक्सिक मैस्कुलिनिटी’:
- Anaya Bangar के अनुसार, क्रिकेट की दुनिया में पुरुषों का वर्चस्व और महिलाओं/ट्रांसजेंडर के प्रति संवेदनहीनता व्याप्त है।
- ट्रांसजेंडर होने के कारण उन्हें टीम में ‘अलग’ समझा जाता था।
- पिता के नाम की वजह से छुपाना पड़ा असली पहचान:
- सैनजय बंगार के मशहूर होने के कारण Anaya Bangar को लंबे समय तक अपने जेंडर ट्रांजिशन को छुपाना पड़ा।
- उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता की इमेज को ख़राब नहीं होने देना चाहा।”
- बचपन से ही महसूस किया ‘मैं लड़की हूँ’:
- 8-9 साल की उम्र में ही आनया को एहसास हो गया था कि वह गलत शरीर में हैं।
- वह माँ के कपड़े पहनकर आईने में खुद को लड़की कहती थीं।
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- क्रिकेट करियर का सफर:
- Anaya Bangar ने इस्लाम जिमखाना और इंग्लैंड के ‘हिंक्ले क्रिकेट क्लब’ के लिए खेलीं।
- यशस्वी जायसवाल, मुशीर खान और सरफराज खान जैसे क्रिकेटर्स के साथ मैच खेले।
- ICC का ट्रांसजेंडर नीति पर फैसला:
- नवंबर 2023 में ICC ने ट्रांसजेंडर एथलीट्स को महिला क्रिकेट से बाहर कर दिया।
- ICC CEO जियॉफ अलार्डिस ने कहा, “इंक्लूसिविटी ज़रूरी है, लेकिन महिला क्रिकेट की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता।”
क्रिकेट छोड़ने के बाद Anaya Bangar का जीवन:
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और सर्जरी: आनया ने अपने जेंडर ट्रांजिशन के लिए मेडिकल प्रक्रिया पूरी की।
- सोशल मीडिया एक्टिविज़्म: अब वह LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाती हैं।
- परिवार का सपोर्ट: पिता सैनजय और माँ ने उनके फैसले का समर्थन किया।
10 FAQs: आनया के संघर्ष से जुड़े सवाल-जवाब
Q1. यौन उत्पीड़न करने वाले क्रिकेटर का नाम क्यों नहीं बताया?
Anaya Bangar ने कहा कि वह अभी कानूनी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रही हैं, इसलिए नाम नहीं लिया।
Q2. सैनजय बंगार ने इस मामले पर क्या कहा?
अभी तक सैनजय ने सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
Q3. क्या आनया अब क्रिकेट खेल सकती हैं?
ICC के नए नियमों के कारण, वह महिला क्रिकेट नहीं खेल सकतीं, लेकिन पुरुष टीम में खेलने का विकल्प है।
Q4. ‘यशवी क्रिकेट अकादमी’ ने आरोपों पर क्या कहा?
अकादमी की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है।
Q5. आनया ने क्रिकेट कब तक खेला?
जेंडर ट्रांजिशन से पहले तक वह स्थानीय और इंग्लैंड क्लब्स के लिए खेलती रहीं।
Q6. ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को ICC ने क्यों बैन किया?
ICC का दावा है कि यह फैसला महिला खिलाड़ियों की ‘सुरक्षा’ और ‘गेम की इंटिग्रिटी’ को बचाने के लिए लिया गया।
Q7. क्या भारत में ट्रांसजेंडर एथलीट्स को मौका मिलता है?
बहुत कम। दुर्गा टीम (ट्रांसजेंडर कबड्डी टीम) जैसे उदाहरण हैं, लेकिन मुख्यधारा के खेलों में भागीदारी नगण्य है।
Q8. आनया की माँग क्या है?
वह चाहती हैं कि स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करें।
Q9. क्या क्रिकेटर्स ने Anaya Bangar के समर्थन में आवाज़ उठाई?
अभी तक किसी बड़े क्रिकेटर ने इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
Q10. Anaya Bangar अब क्या कर रही हैं?
वह LGBTQ+ अधिकारों के लिए काम करती हैं और सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाती हैं।
निष्कर्ष: एक लड़ाई जो सिर्फ आनया की नहीं
Anaya Bangar की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति के संघर्ष की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की पोल खोलती है, जहाँ ट्रांसजेंडर समुदाय को अब भी स्वीकार्यता और सम्मान के लिए लड़ना पड़ता है। क्रिकेट जैसे खेल, जो करोड़ों लोगों को जोड़ते हैं, अगर वहीं पर भेदभाव होगा, तो समाज को बदलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? आनया का साहस इस बात का संकेत है कि अब मुखर होकर बदलाव की माँग की जाएगी।
हमारा समाज तभी सभ्य कहलाएगा, जब हर व्यक्ति, चाहे उसकी जेंडर आइडेंटिटी कुछ भी हो, बिना डर के अपने सपनों को जी सके। आनया की आवाज़ को सुनें, समर्थन दें, और इस मुहिम का हिस्सा बनें।
क्या आपको लगता है कि खेलों में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को समान अवसर मिलने चाहिए? कमेंट में अपनी राय ज़रूर शेयर करें!