Anurag Kashyap ने ‘टॉक्सिक’ बॉलीवुड को कहा अलविदा, अब साउथ इंडस्ट्री में आजमाएंगे हाथ
बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक Anurag Kashyap ने हाल ही में पुष्टि की है कि उन्होंने बॉलीवुड को छोड़ने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री अब केवल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और ₹500-₹800 करोड़ की कमाई के पीछे भाग रही है, जिससे क्रिएटिव फ्रीडम खत्म हो चुकी है।
अनुराग कश्यप ने अपने इस फैसले को लेकर The Hindu को दिए एक इंटरव्यू में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड का माहौल बेहद टॉक्सिक हो गया है और अब यह सिर्फ पैसे कमाने की मशीन बन चुका है।
बॉलीवुड छोड़ने की वजह: ‘इंडस्ट्री बहुत टॉक्सिक हो चुकी है’
Anurag Kashyap ने बताया कि वह अब फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से दूर रहना चाहते हैं, क्योंकि यहां सिर्फ बड़े बजट और हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा,
🗣️ “इंडस्ट्री बहुत ज्यादा टॉक्सिक हो गई है। हर कोई ₹500 या ₹800 करोड़ की फिल्म बनाने में लगा है। अब क्रिएटिव माहौल खत्म हो गया है।”
उनका मानना है कि आजकल फिल्में बनाने से पहले ही यह तय कर लिया जाता है कि इसे कैसे बेचा जाएगा, जिससे फिल्ममेकिंग की असली खुशी खत्म हो जाती है।
अनुराग कश्यप ने पहले भी The Hollywood Reporter India को दिए गए एक इंटरव्यू में बॉलीवुड से अपनी निराशा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि अब इंडस्ट्री में रचनात्मक स्वतंत्रता (Creative Freedom) नहीं बची और फिल्में केवल मुनाफे और बड़े कलेक्शन के नजरिए से बनाई जाती हैं।
अब साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काम करेंगे अनुराग कश्यप?
The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, Anurag Kashyap ने बेंगलुरु शिफ्ट होने का फैसला लिया है और वह अब साउथ इंडस्ट्री में फिल्में बनाने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा,
🗣️ “मुझे साउथ फिल्ममेकर्स से जलन होती है। क्योंकि वे अब भी एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं, जबकि मैं ऐसा नहीं कर सकता। अब फिल्म बनाने से पहले ही प्रोड्यूसर्स पैसे और प्रॉफिट की बात करने लगते हैं।”
Anurag Kashyap का मानना है कि साउथ इंडस्ट्री में क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट की आजादी है, जबकि बॉलीवुड में सिर्फ बड़े बजट और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि 2025 तक वह मुंबई छोड़ देंगे और साउथ इंडस्ट्री में फिल्में बनाना शुरू करेंगे।
‘फुटेज’ और ‘डाकू’ में नजर आएंगे अनुराग कश्यप
हालांकि बॉलीवुड छोड़ने के बाद भी अनुराग कश्यप कुछ फिल्मों में नजर आने वाले हैं।
1️⃣ डाकू (Dacoit)
🔹 अनुराग कश्यप जल्द ही ‘डाकू’ नामक फिल्म में एक पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आएंगे।
🔹 यह एक हिंदी और तेलुगु में बनने वाली फिल्म है, जिसमें आदिवि शेष और मृणाल ठाकुर लीड रोल में हैं।
🔹 इस फिल्म की रिलीज डेट अभी घोषित नहीं की गई है।
2️⃣ फुटेज (Footage)
🔹 अनुराग कश्यप इस समय ‘फुटेज’ नाम की मलयालम थ्रिलर फिल्म को प्रमोट कर रहे हैं।
🔹 इस फिल्म का निर्देशन सैजू श्रीधरन ने किया है और इसमें मंजू वारियर, विशाख नायर और गायत्री अशोक मुख्य भूमिकाओं में हैं।
🔹 यह फिल्म अगस्त 2024 में मलयालम में रिलीज हो चुकी है और इसका हिंदी वर्जन 7 मार्च 2025 को रिलीज किया जाएगा।
🔹 अनुराग कश्यप इस फिल्म के प्रेजेंटर भी हैं।
अनुराग कश्यप का बॉलीवुड से बाहर जाना इंडस्ट्री के लिए क्या संकेत देता है?
अनुराग कश्यप बॉलीवुड में अपने एक्सपेरिमेंटल और कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘अग्ली’, ‘मुक्काबाज’ जैसी शानदार फिल्में दी हैं।
लेकिन उनका बॉलीवुड से बाहर जाने का फैसला यह दिखाता है कि इंडस्ट्री में अब क्रिएटिव लोगों के लिए कम स्पेस बचा है।
👉 बॉलीवुड अब सिर्फ कमर्शियल सक्सेस पर फोकस कर रहा है।
👉 छोटे बजट और एक्सपेरिमेंटल फिल्मों के लिए अब जगह नहीं बची।
👉 बड़े स्टार्स और फ्रेंचाइज़ी फिल्मों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है।
👉 नई और अलग कहानियों पर कम ध्यान दिया जा रहा है।
यह स्थिति उन निर्देशकों और कलाकारों के लिए चिंताजनक है, जो कंटेंट-ड्रिवन और एक्सपेरिमेंटल सिनेमा में विश्वास रखते हैं।
क्या अनुराग कश्यप का फैसला सही है?
अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।
✅ अगर वह साउथ इंडस्ट्री में काम करते हैं, तो उन्हें ज्यादा क्रिएटिव आजादी मिलेगी।
✅ बॉलीवुड के हाई-बजट और स्टार-ड्रिवन सिस्टम से बाहर निकलकर वे नई कहानियों पर फोकस कर सकते हैं।
✅ उनके फैसले से इंडस्ट्री में एक नई बहस छिड़ सकती है, जिससे नए टैलेंट को मौका मिल सकता है।
हालांकि, अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड को पूरी तरह से छोड़ने की बात नहीं कही है, लेकिन यह साफ है कि वह अब अपनी फिल्मों के लिए बेहतर विकल्प तलाश रहे हैं।
निष्कर्ष
अनुराग कश्यप का यह कदम यह दिखाता है कि बॉलीवुड अब सिर्फ बड़े बजट और स्टारडम पर केंद्रित हो गया है।
💡 छोटे बजट और एक्सपेरिमेंटल फिल्मों को अब उतनी जगह नहीं दी जा रही है।
💡 साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अभी भी क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट की आजादी है।
अनुराग कश्यप के फैसले पर आपकी क्या राय है?
क्या बॉलीवुड को अपनी फिल्मों के कंटेंट और क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
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