Introduction: Govt on Raise LPG Petrol and Diesel
सोमवार को केंद्र Govt on Raise LPG Petrol and Diesel के दाम बढ़ा दिए हैं। यह बढ़ोतरी उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले सिलेंडर और बिना सब्सिडी वाले दोनों श्रेणियों पर लागू होगी। साथ ही, पेट्रोल और डीजल पर Special Additional Excise Duty (SAED) में ₹2 प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। इस फैसले से तेल कंपनियों के नुकसान को कम करने और अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश की गई है। लेकिन सवाल यह है कि यह बदलाव आम जनता के घरेलू बजट को कैसे प्रभावित करेगा? आइए समझते हैं पूरी खबर बिंदुवार…
1. Govt on Raise LPG Petrol and Diesel की नई कीमतें: उज्ज्वला और सामान्य उपभोक्ताओं पर क्या पड़ेगा असर?
- दिल्ली में उज्ज्वला योजना के लाभार्थी अब एक 14.2 किलो के सिलेंडर के लिए ₹553 देंगे (पहले ₹503 थे)।
- सामान्य उपभोक्ता (बिना सब्सिडी) को ₹853 प्रति सिलेंडर चुकाना होगा (मार्केट प्राइस ₹1,028.50 से कम)।
- अन्य राज्यों में कीमतें स्थानीय टैक्स के अनुसार अलग-अलग होंगी।
- पिछली बार मार्च 2024 में एलपीजी की कीमतों में ₹100 प्रति सिलेंडर की कटौती की गई थी।

2. Govt on Raise LPG Petrol and Diesel पर नया टैक्स (SAED): कीमतों पर क्यों नहीं पड़ेगा असर?
- SAED (विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क) में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
- पेट्रोल पर अब SAED ₹13/लीटर और डीजल पर ₹10/लीटर हो गया है।
- तेल की गिरती कीमतों (वर्तमान में $63-64 प्रति बैरल) के कारण इस टैक्स का असर पंप की कीमतों पर नहीं दिखेगा।
- सरकार को इससे ₹32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जिसका इस्तेमाल तेल कंपनियों के नुकसान को पूरा करने में किया जाएगा।
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3. सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
- तेल कंपनियों (OMCs) का नुकसान: 2024-25 में OMCs को ₹41,338 करोड़ का घाटा हुआ है।
- उज्ज्वला सब्सिडी का बोझ: 10.3 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों पर सब्सिडी जारी रखने के लिए फंड की कमी।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट (मार्च में 77सेगिरकर63-64 प्रति बैरल) के बावजूद, सरकार ने राजस्व बढ़ाने का विकल्प चुना।
4. क्या भविष्य में Govt on Raise LPG Petrol and Diesel सस्ता हो सकता है?
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, “अगर कच्चे तेल की कीमतें इसी स्तर पर बनी रहीं, तो पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जा सकते हैं।”
- 2014-2016 के बीच भी सरकार ने तेल की गिरती कीमतों का फायदा उठाते हुए एक्साइज ड्यूटी 9 बार बढ़ाई थी।
5. SAED बढ़ाने का चालाकी भरा फैसला?
- SAED में बढ़ोतरी से राज्यों को राजस्व का हिस्सा नहीं मिलेगा, क्योंकि यह केंद्र सरकार का टैक्स है।
- अगर बेसिक एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जाती, तो राज्यों को 41% हिस्सा देना पड़ता।
6. विशेषज्ञों की राय: ICRA का अनुमान
ICRA के प्रशांत वशिष्ठ का कहना है कि “डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर बनी रहेंगी, जिससे तेल कंपनियों का मार्जिन प्रभावित नहीं होगा।”
Govt on Raise LPG Petrol and Diesel FAQs: आपके सवाल और जवाब
Q1. उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब कितना अधिक भुगतान करना पड़ेगा?
- दिल्ली में प्रति सिलेंडर ₹50 की बढ़ोतरी (₹503 से ₹553)। अन्य राज्यों में यह अंतर टैक्स के आधार पर अलग हो सकता है।
Q2. क्या सरकार ने गरीबों की सब्सिडी खत्म कर दी?
- नहीं, उज्ज्वला लाभार्थियों को अभी भी सब्सिडी मिलेगी, लेकिन सिलेंडर की कीमतें बढ़ने से उनका खर्च थोड़ा बढ़ेगा।
Q3. पेट्रोल-डीजल महंगा क्यों नहीं हुआ?
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट (लगभग $14 प्रति बैरल) के कारण टैक्स बढ़ने के बावजूद कीमतें स्थिर रखी गई हैं।
Q4. क्या भविष्य में LPG सिलेंडर सस्ते हो सकते हैं?
- हां, अगर कच्चे तेल की कीमतें और गिरती हैं या सरकार सब्सिडी बढ़ाती है, तो राहत मिल सकती है।
Q5. SAED बढ़ने से सरकार को क्या फायदा?
- सरकार को ₹32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जिससे तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।
निष्कर्ष: “क्या यह फैसला जनहित में है?” Govt on Raise LPG Petrol and Diesel
सरकार का यह कदम एक तरफ़ तेल कंपनियों के आर्थिक दबाव को कम करने के लिए है, तो दूसरी ओर आम लोगों के लिए रसोई गैस का खर्च बढ़ा है। हालांकि, पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखकर और उज्ज्वला सब्सिडी जारी रखकर सरकार ने संतुलन बनाने की कोशिश की है। अब नजर तेल बाजारों पर टिकी है — अगर कच्चे तेल की कीमतें गिरती रहीं, तो जनता को जल्द Govt on Raise LPG Petrol and Diesel राहत मिल सकती है।