लंदन में S Jaishankar की यात्रा के दौरान खालिस्तानी कट्टरपंथी ने किया सुरक्षा उल्लंघन, भारत ने जताई कड़ी नाराज़गी
भारत के विदेश मंत्री S Jaishankar की आधिकारिक यूनाइटेड किंगडम (UK) यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की एक बड़ी घटना सामने आई है। एक खालिस्तानी कट्टरपंथी ने सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ते हुए भारतीय झंडे का अपमान किया। यह घटना उस समय हुई जब जयशंकर का काफिला चैथम हाउस, लंदन से निकल रहा था।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे भारत में भारी आक्रोश है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की और इसे उकसाने वाली हरकत करार दिया।
भारत ने सुरक्षा उल्लंघन पर जताई कड़ी आपत्ति
विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले पर सख्त बयान जारी करते हुए कहा,
🗣️ “हमने ब्रिटेन में विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान हुए सुरक्षा उल्लंघन की फुटेज देखी है। हम इस छोटे समूह के अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की भड़काऊ गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हैं।”
मंत्रालय ने इस घटना को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करार दिया और ब्रिटिश सरकार से उचित कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
MEA ने आगे कहा,
🗣️ “हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मेजबान देश (यूके सरकार) अपनी राजनयिक जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाएगा।”
कैसे हुआ सुरक्षा उल्लंघन?
यह सुरक्षा उल्लंघन बुधवार शाम को हुआ, जब S Jaishankar लंदन के चैथम हाउस से एक संवाद कार्यक्रम के बाद बाहर निकल रहे थे।
✅ जैसे ही उनका काफिला रवाना हुआ, एक खालिस्तानी समर्थक अचानक बैरिकेड्स लांघकर उनकी कार की ओर दौड़ा।
✅ कुछ सेकंड के लिए स्थानीय पुलिसकर्मी स्थिति संभालने में असमंजस में दिखे।
✅ इस मौके का फायदा उठाकर प्रदर्शनकारी ने भारतीय तिरंगे को फाड़ने की कोशिश की और अशोभनीय नारेबाजी की।
✅ घटना का वीडियो तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे भारतीय समुदाय और सरकार में आक्रोश फैल गया।
ब्रिटेन में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियां और भारत की चिंता
यह कोई पहली घटना नहीं है जब ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी गतिविधियां की हों। इससे पहले भी भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) पर हमले जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
📌 मार्च 2023 – लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और तिरंगे का अपमान किया।
📌 सितंबर 2023 – कनाडा और ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय राजनयिकों को धमकियां दीं।
📌 फरवरी 2024 – लंदन और बर्मिंघम में खालिस्तानी गुटों ने फिर से प्रदर्शन किए।
भारत लगातार ब्रिटिश सरकार से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहा है, लेकिन बार-बार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, जो चिंता का विषय बन गई हैं।
S Jaishankar: क्या कहती है ब्रिटेन सरकार?
अब सवाल यह उठता है कि क्या ब्रिटेन सरकार इन घटनाओं को गंभीरता से ले रही है?
➡️ अभी तक ब्रिटिश सरकार ने इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।
➡️ हालांकि, ब्रिटेन के अधिकारियों ने भारत को यह आश्वासन दिया है कि घटना की जांच की जा रही है।
➡️ लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने इस हमले को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की।
भारत सरकार की मांग है कि ब्रिटेन अपनी धरती पर भारत-विरोधी गतिविधियों को सख्ती से रोके और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने हमेशा विदेशों में अपने राजनयिकों और राष्ट्रीय प्रतीकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
✅ विदेश मंत्री S Jaishankar पहले भी यह कह चुके हैं कि भारत अपने राष्ट्रीय सम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा।
✅ भारत सरकार ने ब्रिटेन से कूटनीतिक स्तर पर इस घटना की जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
✅ ब्रिटेन में भारतीय समुदाय भी इस घटना के खिलाफ विरोध दर्ज करा सकता है।
S Jaishankar क्या ब्रिटेन को उठाने चाहिए कड़े कदम?
ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियां एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन रही हैं।
🇮🇳 भारत चाहता है कि –
✔️ ब्रिटिश सरकार ऐसे तत्वों पर तुरंत कार्रवाई करे।
✔️ भारतीय राजनयिकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
✔️ भारत-विरोधी अलगाववादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए।
अगर ब्रिटेन इस पर ठोस कदम नहीं उठाता, तो इससे भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
✅ S Jaishankar की लंदन यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थक द्वारा भारतीय झंडे का अपमान और सुरक्षा उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है।
✅ भारत ने इस घटना पर सख्त नाराजगी जताई है और ब्रिटेन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
✅ ब्रिटिश सरकार के लिए यह एक परीक्षा की घड़ी है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए इन अलगाववादी ताकतों पर क्या कदम उठाती है।
अब सवाल यह उठता है कि – क्या ब्रिटेन सरकार इस घटना पर कड़ा रुख अपनाएगी?
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