रात की नींद और सियासी गर्मागर्मी के बीच गुरुवार तड़के लोकसभा ने Waqf Amendment Bill 2025 को मंजूरी दे दी। यह बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इस पर एक और जोरदार बहस की उम्मीद है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए गए इस बिल को लेकर सदन में 8 घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें सरकार और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। आइए, समझते हैं कि यह बिल क्यों बना चर्चा का केंद्र और किसे मिल रहा है फायदा-नुकसान?
मुख्य बिंदु: क्या है Waqf Amendment Bill 2025?
- वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण: बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और “वक्फ माफिया” पर अंकुश लगाना बताया जा रहा है।
- गरीब मुसलमानों के हित: सरकार का दावा है कि इससे वक्फ की जमीनों का गलत इस्तेमाल रुकेगा और गरीब मुस्लिम समुदाय को आर्थिक मदद मिलेगी।
- विवादास्पद धाराएं: विपक्ष का आरोप है कि बिल से सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अधिकार मिल जाएगा, जो संवैधानिक रूप से गलत है।

Waqf Amendment Bill 2025 रातभर चली बहस: क्या कहा गया सदन में?
- राहुल गांधी का विरोध: कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, “Waqf Amendment Bill 2025 मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने का हथियार है।”
- गौरव गोगोई की चिंता: विपक्ष के उपनेता ने कहा, “हम संशोधन के खिलाफ नहीं, लेकिन यह बिल गरीबों की मदद करने वाला नहीं है।”
- शादाब शम्स का समर्थन: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा, “गरीब मुसलमानों के चेहरे खिल उठेंगे। यह बिल वक्फ माफिया पर लगाम है।”
- सपा सांसद का गुस्सा: मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, “मुसलमानों के खिलाफ इससे बुरा कानून कभी नहीं बना।”
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किरेन रिजिजू का जवाब: ‘विपक्ष का 12 बज गया!’
बहस के दौरान रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारे लिए 12 नहीं बचा, विपक्ष का 12 बज गया है!” (यहां ’12 बजना’ मुहावरा इस्तेमाल हुआ है, जिसका मतलब है ‘समय खत्म होना’)। उन्होंने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हिंदुओं के लिए पहले से कानून हैं, इसलिए अलग से प्रावधान की जरूरत नहीं।
Waqf Amendment Bill 2025 वोटिंग का नतीजा: किसने दिया साथ, किसने किया विरोध?
- पक्ष में: 287 सांसद (मुख्यत: एनडीए गठबंधन)।
- विरोध में: 232 सांसद (कांग्रेस, सपा, टीएमसी समेत 26 दल)।
Waqf Amendment Bill 2025 अगला कदम: राज्यसभा में आज होगी पेशी
बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है। विपक्ष इसे रोकने की कोशिश कर सकता है, लेकिन अगर दोनों सदनों में गतिरोध रहा तो संयुक्त बैठक हो सकती है।
Waqf Amendment Bill 2025 FAQs: सवाल-जवाब में समझें पूरा मामला
1. वक्फ संपत्ति क्या होती है?
वक्फ इस्लामिक कानून के तहत दान की गई संपत्ति या जमीन होती है, जिसका इस्तेमाल समाज कल्याण (स्कूल, अस्पताल, मस्जिद) के लिए किया जाता है। भारत में 6 लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं।
2. Waqf Amendment Bill 2025 में क्या बदलाव किए गए हैं?
- वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की नियुक्ति में सरकार की भूमिका बढ़ाई गई है।
- संपत्ति की बिक्री या लीज के नियम सख्त किए गए हैं।
- वक्फ मामलों में नागरिक अदालतों के बजाय ट्रिब्यूनल को अधिकार दिया गया है।
3. Waqf Amendment Bill 2025 विरोध क्यों हो रहा है?
विपक्ष का मानना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकार का कब्जा करने का रास्ता है, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन है। साथ ही, ट्रिब्यूनल में सरकारी नियुक्तियों से निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
4. सरकार क्या कहती है?
केंद्र का दावा है कि यह बिल गरीब मुसलमानों को वक्फ संपत्ति का लाभ दिलाने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए जरूरी है। रिजिजू ने कहा, “यह बिल आर्थिक क्रांति लाएगा।”
5. क्या यह बिल असंवैधानिक है?
वक्फ एक धार्मिक मामला है, इसलिए विपक्ष इसे अनुच्छेद 26 (धार्मिक स्वतंत्रता) का उल्लंघन बता रहा है। हालांकि, सरकार का तर्क है कि संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता जरूरी है।
6. राज्यसभा में क्या होगा?
सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए बिल को मंजूरी मिलना मुश्किल हो सकता है। अगर दोनों सदनों में मतभेद रहा, तो संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है।
जनता की राय: दो धड़ों में बंटे लोग
- समर्थक: “वक्फ माफिया ने गरीबों की जमीन हड़प ली थी। अब उन्हें न्याय मिलेगा।” — आमिर खान, दिल्ली।
- विरोधी: “यह बिल हमारी धार्मिक आजादी पर हमला है।” — फातिमा बेगम, हैदराबाद।
निष्कर्ष: Waqf Amendment Bill 2025 क्या बदलेगा?
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर सियासत गरमाई हुई है। सरकार इसे सुधार बता रही है, तो विपक्ष इसे धर्मनिरपेक्षता पर खतरा। आने वाले दिनों में राज्यसभा की कार्रवाई और सड़क से लेकर अदालत तक इसकी गूंज सुनाई देगी। फिलहाल, गरीब मुसलमानों को लेकर दोनों पक्षों के दावे हकीकत में कितने उतरेंगे, यह वक्त ही बताएगा।