फीफा ने पाकिस्तान, रूस और कांगो को 2026 वर्ल्ड कप से किया बैन – जानिए पूरी वजह
2026 Fifa world cup से बाहर हुए तीन देश
अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले 2026 Fifa world cup में रूस, कांगो और पाकिस्तान को बैन कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासनिक विफलताओं के कारण पाकिस्तान, भू-राजनीतिक प्रतिबंधों के चलते रूस, और फुटबॉल महासंघ में बाहरी हस्तक्षेप की वजह से कांगो को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया है।
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पाकिस्तान को क्यों किया गया बैन?
फीफा ने पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (PFF) को प्रशासनिक असफलताओं और गैर-लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की वजह से निलंबित कर दिया है।
- नया संविधान लागू करने में विफलता – फीफा ने पीएफएफ से निष्पक्ष और लोकतांत्रिक चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संविधान में सुधार की मांग की थी, लेकिन इसमें असफल रहने के कारण पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- एएफसी क्वालीफायर्स में खराब प्रदर्शन – पाकिस्तान की फुटबॉल टीम AFC क्वालीफायर्स के ग्रुप G में सबसे निचले पायदान पर रही, जिससे उनकी स्थिति और भी कमजोर हो गई।
- प्रतिबंध हटाने के लिए शर्तें – फीफा का कहना है कि अगर पाकिस्तान को निलंबन से बाहर आना है, तो उसे संशोधित संविधान को स्वीकार करना होगा और चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना होगा।
रूस पर अब भी बैन क्यों?
रूस पर फीफा का प्रतिबंध भू-राजनीतिक कारणों से लगा हुआ है।
- यूक्रेन पर आक्रमण के बाद प्रतिबंध – फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद फीफा और यूईएफए ने रूस को सभी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं से बैन कर दिया।
- क्लब फुटबॉल भी प्रभावित – केवल राष्ट्रीय टीम ही नहीं, बल्कि रूस के घरेलू क्लब भी UEFA प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले सकते।
- यूरो 2024 में भी भाग नहीं लिया – फीफा के इस निर्णय के कारण रूस ने 2022 फीफा वर्ल्ड कप और यूरो 2024 में भी हिस्सा नहीं लिया था।
कांगो पर फीफा की कार्रवाई
फीफा ने कांगो को फुटबॉल महासंघ में बाहरी हस्तक्षेप के कारण 2026 वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया।
- FECOFOOT में तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी – कांगो फुटबॉल महासंघ (FECOFOOT) में अनधिकृत वित्तीय हस्तक्षेप और प्रशासनिक अनियमितताओं के कारण फीफा ने यह कड़ा फैसला लिया।
- CAF और फीफा की शर्तें – अफ्रीकी फुटबॉल परिसंघ (CAF) और फीफा के अनुसार, कांगो को प्रतिबंध हटाने के लिए अपने मुख्यालय पर पुनः नियंत्रण पाना होगा और गैरकानूनी वित्तीय लेन-देन को रोकना होगा।
- खराब प्रदर्शन भी वजह – CAF क्वालीफायर्स के ग्रुप E में कांगो सबसे निचले पायदान पर रहा, जिससे उनकी वर्ल्ड कप भागीदारी की संभावना और कम हो गई।
फीफा द्वारा बैन किए गए अन्य देश
इतिहास में फीफा ने कई देशों पर प्रतिबंध लगाया है।
वर्ष | प्रतिबंधित देश | कारण |
---|---|---|
1950 | जर्मनी, जापान | द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव |
1970-1990 | दक्षिण अफ्रीका | रंगभेद नीति (अपार्थेड) |
1990 | मैक्सिको | अयोग्य खिलाड़ियों के चयन का मामला |
1994 | चिली | मैच फिक्सिंग स्कैंडल |
2006 | म्यांमार | क्वालीफायर्स में नियम उल्लंघन |
2022 | रूस | यूक्रेन पर आक्रमण |
2014 | नाइजीरिया | फुटबॉल महासंघ में सरकारी हस्तक्षेप |
2015 | कुवैत, इंडोनेशिया | प्रशासनिक अनियमितताओं |
2016 | ग्वाटेमाला | भ्रष्टाचार घोटाला |
2017, 2021, 2025 | पाकिस्तान | प्रशासनिक विफलता |
2022 | चाड, कांगो | बाहरी हस्तक्षेप |
फीफा की सख्ती का मकसद
फीफा का उद्देश्य हमेशा से फुटबॉल प्रशासन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और खेल भावना को बनाए रखना रहा है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप या भ्रष्टाचार की स्थिति में, फीफा कड़े कदम उठाता है।
- अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतिस्पर्धाओं में निष्पक्षता बनी रहे, इसके लिए फीफा सभी सदस्य देशों से कड़े नियमों का पालन करने की अपेक्षा करता है।
- भ्रष्टाचार, अनियमित प्रशासन और नियमों का उल्लंघन करने वाले देशों पर बैन लगाकर फीफा अपनी निष्पक्षता बनाए रखता है।
निष्कर्ष
2026 Fifa world cup से पाकिस्तान, रूस और कांगो का बाहर होना दिखाता है कि फीफा किसी भी तरह की अनियमितता, राजनीतिक हस्तक्षेप या प्रशासनिक असफलता को बर्दाश्त नहीं करता।
- पाकिस्तान को पारदर्शी प्रशासन अपनाना होगा।
- रूस को भू-राजनीतिक स्थिरता लानी होगी।
- कांगो को फुटबॉल प्रशासन में बाहरी हस्तक्षेप खत्म करना होगा।
इन देशों के लिए यह एक कड़ा सबक है कि अगर वे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में वापसी करना चाहते हैं, तो उन्हें फीफा के नियमों का पालन करना ही होगा।