“Dhananjay Munde” महाराष्ट्र मंत्री का इस्तीफा: सरपंच हत्या मामले में करीबी सहयोगी की गिरफ्तारी के बाद बड़ा कदम
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा भूचाल तब आया जब राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद आया, जिन्हें बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की निर्मम हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

मंत्री का इस्तीफा और राजनीतिक प्रतिक्रिया
Dhananjay Munde ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने हमेशा से मांग की है कि सरपंच हत्या मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने लिखा, “कल जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर मैं बेहद दुखी हुआ। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया है। इसके अलावा, न्यायिक जांच भी प्रस्तावित है।”
मुंडे ने आगे कहा कि उन्होंने अपने अंतर्मन की आवाज सुनते हुए यह निर्णय लिया है। साथ ही, उन्होंने अपने स्वास्थ्य का भी हवाला दिया और कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इलाज कराने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने धनंजय मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और इसे राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को भेज दिया गया है।
सरपंच हत्या कांड: क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के बीड जिले के मसाजोग गांव के 45 वर्षीय सरपंच संतोष देशमुख की हत्या 9 दिसंबर को की गई थी। जांच में सामने आया कि उन्हें पहले अपहरण किया गया, फिर बेरहमी से यातनाएं दी गईं और आखिरकार उनकी हत्या कर दी गई। यह घटना तब हुई जब उन्होंने एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश की।
मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध जांच विभाग (CID) ने 27 फरवरी को 1200 पन्नों का चार्जशीट जिला अदालत में दाखिल किया। इसमें सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे वसूलने के प्रयास और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमले से जुड़े तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
जांच के दौरान महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत आठ आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया। इनमें से सात को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों में वाल्मिक कराड भी शामिल हैं, जो धनंजय मुंडे के करीबी माने जाते हैं। इस गिरफ्तारी ने राज्य सरकार पर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा दिया।
बर्बर यातना और वीडियो सबूत
सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण 9 दिसंबर को डोंगांव टोल प्लाजा से किया गया था। उन्हें एक एसयूवी में डालकर केज तालुका की ओर ले जाया गया और बाद में दैठना शिवर के पास नंदूर घाट रोड पर बेहोशी की हालत में फेंक दिया गया। वहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, संतोष देशमुख को दो घंटे से अधिक समय तक गैस पाइप, लोहे की रॉड, लकड़ी की छड़ियों और धारदार हथियारों से पीटा गया। CID द्वारा दाखिल चार्जशीट के अनुसार, हमलावरों ने पूरी घटना के 15 वीडियो रिकॉर्ड किए, 8 तस्वीरें लीं और 2 वीडियो कॉल के जरिए इस बर्बरता को लाइव दिखाया।
चार्जशीट में एक वीडियो का जिक्र है, जिसमें पांच आरोपी संतोष देशमुख को सफेद पाइप और लकड़ी की छड़ी से पीटते हुए दिखाई देते हैं। उन्हें लात-घूंसों से भी मारा गया। इस वीडियो में सरपंच को आधे कपड़ों में देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में एक आरोपी उन्हें बुरी तरह घायल हालत में पेशाब करता हुआ दिखाई दे रहा है।
राजनीतिक हलचल और सरकार की सख्ती
Dhananjay Munde के इस्तीफे के पीछे की वजह न केवल कानूनी दबाव था, बल्कि राजनीतिक समीकरण भी थे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री फडणवीस ने डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया। इस बैठक में सरपंच हत्या मामले में चार्जशीट और वाल्मिक कराड की भूमिका पर चर्चा की गई थी।
49 वर्षीय धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के परली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे एनसीपी नेता अजित पवार के करीबी माने जाते हैं और 2013 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हुए थे। 2023 में जब एनसीपी दो हिस्सों में बंटी, तब वे अजित पवार के साथ खड़े रहे। इससे पहले, वे महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
सरकार की सख्त कार्रवाई और विपक्ष का हमला
सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि न्यायिक जांच निष्पक्ष और सख्त तरीके से की जाएगी।
वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस ने कहा कि धनंजय मुंडे के इस्तीफे से मामला खत्म नहीं होता। विपक्ष ने सरकार से मांग की कि इस पूरे प्रकरण में और किस-किस की संलिप्तता है, इसकी गहराई से जांच हो।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटना एक बड़े संकट के रूप में सामने आई है। सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या और उसमें एक मंत्री के करीबी सहयोगी की संलिप्तता ने सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि, Dhananjay Munde ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस मामले की न्यायिक जांच और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया अभी भी बाकी है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला क्या मोड़ लेता है और सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।