स्वर्ण तस्करी मामले में Ranya Rao पर गंभीर आरोप: डीआरआई का बड़ा खुलासा
परिचय स्वर्ण तस्करी की एक चौंकाने वाली घटना में, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने मशहूर अभिनेत्री Ranya Rao के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। डीआरआई की जांच के अनुसार, यह मामला केवल व्यक्तिगत तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि एक संगठित गिरोह से जुड़ा हुआ है, जो हवाई अड्डों पर वीआईपी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग करके सोने की तस्करी कर रहा था।
Ranya Rao और तस्करी सिंडिकेट
डीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि Ranya Rao इस गिरोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। एजेंसी का दावा है कि गिरोह वीआईपी सुविधाओं का लाभ उठाकर बिना किसी संदेह के भारी मात्रा में सोना भारत ला रहा था। राव को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जब वह दुबई से एमिरेट्स की उड़ान के माध्यम से भारत लौटी थीं। उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ें बरामद हुईं, जिनकी कीमत लगभग 14.56 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
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Ranya Rao लगाया शारीरिक शोषण का आरोप
जांच को और जटिल बनाते हुए, डीआरआई ने यह भी बताया कि Ranya Rao के शरीर, विशेष रूप से उनके चेहरे और आंखों के नीचे चोट के निशान पाए गए हैं। अभिनेत्री ने एजेंसी को सूचित किया कि ये चोटें उन्हें दुबई यात्रा से पहले लगी थीं। अदालत ने जेल अधिकारियों को आदेश दिया कि उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
अदालत में भावुक हुईं Ranya Rao
Ranya Rao शुक्रवार को जब अदालत में पेश हुईं, तो वह जज के सामने रो पड़ीं। डीआरआई ने अदालत को बताया कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं कर रही हैं और भावनात्मक रूप से अस्थिर हो रही हैं। एजेंसी ने यह भी कहा कि फोरेंसिक विश्लेषण से मिले सुरागों के आधार पर उनसे आगे पूछताछ की जाएगी।
सोने की तस्करी का तरीका
डीआरआई के अनुसार, रण्या राव सोने की छड़ों को क्रेप बैंडेज और टिशू पेपर में लपेटकर अपने शरीर से चिपकाकर तस्करी कर रही थीं। यह एक अत्यंत सावधानीपूर्वक नियोजित तरीका था, जिससे हवाई अड्डे की सुरक्षा प्रणाली को चकमा दिया जा सके।
डीआरआई की हिरासत और शर्तें
कोर्ट ने रण्या राव को तीन दिनों के लिए डीआरआई की हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं:
- आरोपी की वकील को हर दिन शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक मिलने की अनुमति दी गई है।
- मुलाकात केवल डीआरआई अधिकारियों की उपस्थिति में होगी।
- आरोपी को अपने परिवार के किसी भी सदस्य या अन्य किसी व्यक्ति से मिलने की इजाजत नहीं होगी।
पहली पूछताछ में रण्या राव के जवाब
सीएनएन-न्यूज18 के अनुसार, डीआरआई को रण्या राव द्वारा दिए गए पहले बयान की प्रतियां प्राप्त हुई हैं। उनके बयान का एक अंश इस प्रकार है:
डीआरआई: “03.03.2025/04.03.2025 को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब्त किए गए सोने से संबंधित महाज़र को पढ़िए और अपनी टिप्पणी दें।”
रण्या राव: “मैंने महाज़र को पढ़ा है और उसकी सामग्री से सहमत हूँ। मैं पुष्टि करती हूँ कि मैं जब्ती की कार्यवाही के दौरान मौजूद थी और मेरी मौजूदगी में 17 सोने की छड़ें बरामद की गईं। मैं चाहती हूँ कि यह मामला निजी रखा जाए।”
डीआरआई: “पिछले कुछ समय में आपने किन-किन देशों की यात्रा की है और कितनी बार वहाँ गई हैं?”
रण्या राव: “मैं यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व की यात्रा कर चुकी हूँ, विशेष रूप से दुबई और सऊदी अरब। मैं फिलहाल बहुत थकी हुई महसूस कर रही हूँ, क्योंकि मुझे पर्याप्त आराम नहीं मिला।”
डीआरआई: “क्या आप और कुछ कहना चाहती हैं?”
रण्या राव: “मैं फिलहाल और कुछ नहीं कहना चाहती। मैं जांच में सहयोग करूंगी और जब भी बुलाया जाएगा, उपस्थित रहूंगी। इस बयान के दौरान मेरी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई गई है। मुझे समय-समय पर भोजन और पेय पदार्थ की पेशकश की गई, लेकिन मैंने सिर्फ पानी पीने का विकल्प चुना। यह बयान मैंने बिना किसी दबाव, भय या प्रलोभन के दिया है, और मैं मानसिक रूप से सामान्य स्थिति में हूँ।”
निष्कर्ष
डीआरआई के इस मामले ने सोने की तस्करी में शामिल एक बड़े नेटवर्क के संकेत दिए हैं। एजेंसी का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और वीआईपी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग कर भारत में सोना लाने का एक सुनियोजित तरीका अपनाया था। अब जांच के अगले चरण में इस पूरे सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान की जाएगी।
यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। रण्या राव की भूमिका इस मामले में कितनी महत्वपूर्ण थी, यह पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।