Hina Khan ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा – ‘ये इंसान नहीं, दरिंदे हैं!’
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस Hina Khan ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर एक भावुक और मार्मिक पोस्ट लिखकर देशभर में चर्चा बटोरी है। इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए लंबे नोट में उन्होंने न सिर्फ हमले को “नृशंस” बताया, बल्कि कश्मीरी पंडित समुदाय को वापस लाने की अपील भी की। साथ ही, “मुसलमान होने के नाते” देश के हिंदुओं और पीड़ित परिवारों से माफी माँगते हुए उन्होंने एकता का संदेश दिया।
मुख्य बिंदु (Key Highlights):
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हिना का गुस्सा: आतंकियों को “बेरहम, अमानवीय और ब्रेनवॉश्ड” करार दिया।
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मानसिक स्वास्थ्य पर असर: हमले ने हिना को भावनात्मक रूप से तोड़ दिया।
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माफीनामा: “मुसलमान होने के नाते मैं सभी भारतीयों से माफी चाहती हूँ।”
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कश्मीरियों से अपील: “कश्मीरी पंडितों को वापस लाएँ… साथ रहेंगे तो मजबूत बनेंगे!”
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हमले का दंश: 26 लोगों की मौत, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल।

Hina Khan का इंस्टाग्राम नोट: क्या कहा?
1. “ये आतंकी इंसान नहीं, दरिंदे हैं!”
Hina Khan ने अपने पोस्ट में आतंकवादियों पर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने लिखा,
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“जिन लोगों ने ये हमला किया, वो मेरे लिए इंसान नहीं हैं। ये बेरहम, ब्रेनवॉश्ड और अमानवीय हैं। अगर किसी मुसलमान को बंदूक की नोक पर धर्म छोड़ने को कहा जाए और फिर भी मार दिया जाए, तो यह दिल दहला देने वाला है। मैं एक मुसलमान होने के नाते सभी हिंदू भाइयों और भारतीयों से माफी चाहती हूँ।”
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2. “दिल टूट गया… मानसिक तौर पर बीमार हूँ!”
Hina Khan ने स्वीकार किया कि इस घटना ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है:
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“यह हमला मेरे दिल को तोड़ गया। मैं खुद को संभाल नहीं पा रही। लेकिन यह मेरा दर्द नहीं, बल्कि उन सभी का दर्द है जिन्होंने अपनों को खोया। मैं उनकी ताकत और शांति के लिए प्रार्थना करती हूँ।”
3. “भारत की एकता को न तोड़ने देंगे!”
Hina Khan ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे आपस में न लड़ें:
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“अगर हम एक-दूसरे से लड़ेंगे, तो यही आतंकी चाहते हैं। हमें उनकी इस चाल को नहीं चलने देना। मैं भारत, हमारी सेना और हर धर्म के साथ खड़ी हूँ।”
4. “कश्मीरियों से अपील: पंडितों को वापस लाओ!”
कश्मीर के लोगों को संबोधित करते हुए Hina Khan ने कहा:
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“मैं कश्मीर में बदलाव देख रही हूँ… युवा भारत के प्रति वफादार हैं। मेरी गुजारिश है कि आप कश्मीरी पंडित समुदाय को वापस लाएँ। मैं सहअस्तित्व में विश्वास करती हूँ।”
5. “न्याय चाहिए, बदला लेना होगा!”
अपने पोस्ट के अंत में Hina Khan ने साफ शब्दों में कहा:
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“मैं न्याय चाहती हूँ – एक भारतीय, एक मुसलमान और एक इंसान के तौर पर। हमें एकजुट होकर देश का साथ देना चाहिए। कोई राजनीति नहीं, कोई नफरत नहीं। हम सबसे पहले भारतीय हैं। जय हिंद!”
पहलगाम हमला: क्या हुआ था?
5 जून 2024 को पहलगाम के बैसरान मैदान में आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलियाँ चलाईं। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे। यह हमला 2019 पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे भीषण आतंकी घटना मानी जा रही है।
हमले के बाद की प्रतिक्रियाएँ:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना… दोषियों को माफ नहीं किया जाएगा।”
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राहुल गांधी: “हिंसा का यह चक्र रुकना चाहिए।”
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सोशल मीडिया: #PahalgamAttack और #KashmirTerrorism ट्रेंड कर रहे हैं।
10 FAQs: आपके सवाल, हमारे जवाब
1. Hina Khan ने मुसलमान होने के नाते माफी क्यों माँगी?
जवाब: उनका मानना है कि आतंकियों ने इस्लाम के नाम पर गलत छवि पेश की है, जिससे सभी मुसलमानों को शर्मिंदगी होती है।
2. पहलगाम हमले में कितने लोग मारे गए?
जवाब: 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल हैं।
3. Hina Khan ने कश्मीरियों से क्या अपील की?
जवाब: उन्होंने कश्मीरी पंडित समुदाय को वापस बुलाने और साथ रहने की गुजारिश की।
4. Hina Khan को हमले का पता कैसे चला?
जवाब: उन्होंने खबरें पढ़कर और सोशल मीडिया पर अपडेट्स देखकर इसकी जानकारी ली।
5. क्या Hina Khan कश्मीरी हैं?
जवाब: हाँ, हिना का जन्म कश्मीर में हुआ था, और वह अपने कश्मीरी मूल पर गर्व महसूस करती हैं।
6. हिना का नोट इतना वायरल क्यों हुआ?
जवाब: उन्होंने सीधे और भावुक शब्दों में आतंकवाद की निंदा की और एकता का संदेश दिया, जो लोगों को पसंद आया।
7. क्या हिना राजनीति में आ रही हैं?
जवाब: नहीं, उन्होंने साफ किया कि यह पोस्ट देशप्रेम और इंसानियत के नाते है, राजनीति नहीं।
8. कश्मीरी पंडित कौन हैं?
जवाब: यह कश्मीर का हिंदू समुदाय है, जिसे 1990 के दशक में आतंकवाद के कारण घाटी छोड़नी पड़ी थी।
9. हिना ने सेना को सपोर्ट क्यों कहा?
जवाब: वह मानती हैं कि सेना आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश की रक्षा कर रही है।
10. पुलवामा हमले से यह कैसे अलग है?
जवाब: पुलवामा हमला (2019) में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, जबकि पहलगाम हमले में ज्यादातर नागरिक मारे गए।
निष्कर्ष: नफरत नहीं, इंसानियत जरूरी!
हिना खान का यह पोस्ट सिर्फ एक सेलेब्रिटी की प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की आवाज है जो आतंकवाद से त्रस्त है। उनकी बातें हमें याद दिलाती हैं कि धर्म, जाति या राजनीति से ऊपर उठकर इंसानियत और एकता को प्राथमिकता देनी चाहिए। पहलगाम की त्रासदी ने एक बार फिर साबित किया है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता – यह सिर्फ नफरत फैलाता है। ऐसे में, हिना का संदेश “हम भारतीय पहले, बाकी सब बाद में” सभी के लिए प्रेरणादायक है।